दुनिया हुई है आज उस दूकान की तरह,
बिकता जहाँ पर आदमी सामान की तरह …
पहचान है मुश्किल मुखोटों के दौर में,
दिखने लगा है भेड़िया इंसान की तरह ……
दुनिया हुई है आज उस दूकान की तरह,
बिकता जहाँ पर आदमी सामान की तरह …
पहचान है मुश्किल मुखोटों के दौर में,
दिखने लगा है भेड़िया इंसान की तरह ……