चीनियों ने अपने राष्ट्रीय पहचान के लिए चीन की दीवार “The Great Wall of China” बनाई जो दुनिया के 7 अजूबों में से एक है ।
उसके पीछे सोच थी की शायद इतनी ऊंची दीवार फांद कर कोई आक्रमण नही कर पायेगा किन्तु दीवार बनने के पहले 100 सालों में चीन पर 3 बार आक्रमण हुआ, और ये आक्रमण दीवार तोड़ कर या फांद कर नही किये गए बल्कि प्रहरियों को रिश्वत देकर दुश्मन अंदर घुस जाते थे
और ये इसलिये की चीनीयों ने पत्थर की दीवार को तो निर्माण कर लिया किन्तु वो अपने सैनिकों का चरित्र निर्माण व राष्ट्रीय चरित्र बनना भूल गये…..
कुछ इसी प्रकार के प्रहरी भारत मे कहीं कहीं होते है जो सेना व देश की गुप्त सूचनाएं दुश्मन तक पहुंचाते हैं। मुम्बई में समुन्दर के रास्ते घुसने वाले आतंवादियों को सारी सूचना किसी अंदर वाले ने ही दी थी ।
कश्मीर में BSF की चौकियों की अन्दुरुनी सूचना भी किसी अंदर वाले ने ही दी थी।
Siri के आतंकवादी जेल से फरार होने में सफल इसीलये हुए की कोई अंदर वाला बिक गया।
चीनी में एक कहावत है :-
*यदि आप किसी देश की संस्कृति को नष्ट करना चाहते है तो उसके 3 बड़े ही माकूल तरीके हैं :
1.पारिवारिक संरचनाओं को छिन्न भिन्न कर दो
2. शिक्षा का स्तर गिरा दो
3. समाज के आदर्शों को बदल दो व गलत व्यक्तियों का गुणगान करने लगो
भारतवर्ष में परिवार की संरचना पूर्णरूप से खंडित हो रही हैं । पारिवारिक कलह व झगड़े बढ़ रहे हैं । दायित्वों में कमी आ रही है। परिवार में द्वेष व ईर्ष्या का बोलबाला है। बच्चे उपेक्षित है,बुज़ुर्ग दयनीय अवस्था मे हैं,औरतें बच्चे नही पैदा करना चाहती,पुरुष काम नही करना चाहते। भाई भाई से बहन बहन से जायदाद के लिए कोर्ट कचहरी कर रही हैं। परिवार में ही लोग काटकपट करने लगे हैं।
शिक्षा के नाम पर भी अनाचार है, शिक्षक अज्ञानी हैं,शिक्षा पैसे से खरीदी जा रही है,पैसे देकर अध्यापक बनाये जा रहे हैं, प्राइवेट स्कूल लूट रहे है, आरक्षण से होनहार बच्चों का जज़्बा टूट रहा है। बच्चों पर ज्ञान का नही बल्कि percentage लाने का भूत सवार है।
समाज के आदर्श बदल रहे हैं, अपना उल्लू सीधे करने वाले नेताओं के हज़ारों अनुयायी हैं,पाखंडी बाबा लोग हैं, नवयुवक भाईगीरी को शान समझते हैं, गैंगस्टर्स के लिए जान देने वाले लोग हैं। धार्मिक उत्पाद फैलाने वालों की रैली में हज़ारों लोग होते हैं।गुंडों पर बनी फिल्में सफल होती हैं।
क्या संस्कार खरीदे जा सकते हैं?
जरा सोच के देखिये!!!
आक्रमण तो हर ऒर से हो रहा है!!
विदेशियों के घुसे बिना भी! और जब तक चरित्र निर्माण पर ध्यान नही दिया जाता हम पर ऐसे ही आक्रमण होते रहेंगे