जो बाबा अपने ऊपर आई हुई बलाएँ नही टाल पाये, जो अपने को जेल की चक्की पीसने से नही बचा पाये, उन्होंने बरसों तक भोले भक्तों को भगवान का अवतार बनके ठगा की वो दुनिया के दुःख दूर कर सकते है,क्यों वो अपने लिए कोई चमत्कार नही कर पाये?
दुःख में ठहाके लगाने का उपदेश देने वाला #रामरहीम अपनी सज़ा सुनकर क्यों रो पड़ा?
जीवन के दुःखों से दूर मत भागो का पाठ देने वाला #आसाराम अपने वारेंट निकलने पर चूहों की तरह क्यों छुपता रहा?
भक्तों के दुख दूर करने वाले #रामपाल व #रामवृक्ष क्यों अपने को सज़ा से नही बचा पाए?
लोगों की भीड़ में नाचने वाली #राधेमां क्यो असल जीवन मे एक संतान को जन्म देने वाली माँ नही बन पाई?
योग की शिक्षा देने वाले बाबा को क्या नूडल या गोरेपन की क्रीम बेचना ज़रूरी है?
TV पर बैठकर लोगों को पेप्सी पियो का संदेश देने वाले बाबा को समाज को दूध दही मट्ठा पीने का संदेश देना ज़रूरी नही?
बह्मचारी बने बाबाओं को रात को कमरे में सेविकाओं को बुलाने की क्या ज़रूरत पड़ती है?
अपनी सफाई में स्वयं को नपुंसक सिद्ध करने वाले बाबाओं पर ब्लात्कार व यौन शोषण के मुकद्दमे कैसे सिद्ध हो जाते हैं?
संसार के सुख को त्याग भक्ति में ध्यान लगाने का प्रवचन देने वाले बाबा रेलवे के जनरल कम्पार्टमेंट में यात्रा क्यों नही कर पाते?
शरीर आत्मा का चोला है का उपदेश देने वाले महंगे कपड़े, व डिज़ाइनर घड़ी व चश्मे पहनकर जनता को सामने भांड की तरह क्यों नाचते हैं?
कड़ी साधना करने की जगह बाबा लोग महलों जैसे आलीशान घरों में महंगे बिस्तर पर AC में क्यों सोते हैं?
साधक का जीवन जीने का दावा करने वाले बाबाओं को डायबिटीज व कोलेस्ट्रॉल क्यो होता है?
क्यों सब बाबा ही बनना चाहते हैं,विवेकानंद व रामकृष्ण परमहंस क्यों नही?
क्यों बाबा समाज से फायदा उठाते है समाज का सुधार नही करते?
क्यों लोग गुरु की जगह इन बाबाओं को दे देते हैं,गुरु को नही?
जो बाबा अपने सर पर बैठा कौवा नही उड़ा सकते वो दूसरों को जीवन देने की बात करते हैं?
कब जागोगे भारतवासियों?
बाधाओं का सामना करना सीखो..
फिर बाबाओं की ज़रूरत नही पड़ेगी।
बिल्कुल सही बात रुचि मै आपकी बातों से सहमत हूँ ,गुनाह किसी न किसी जगह से तो झाँकता है,चाहे कोई बाबा हो या सामान्य व्यक्ति ।
मेरे ख्याल से बाधाओं का सामना करने से पहले खुद के अंदर झाँकना चाहिये ,वहीं पर मिलेगी अच्छाई और वहीं पर मिलेगी बुराई, दुष्टता को कब तक बचायेगी खुदाई (भगवान की कृपा)
मेरे ख्याल से “मन चंगा तो कठौती मे गंगा “वाली बात बिल्कुल सही है।
बाबा लोगों के पीछे भागने से अच्छा है कर्म करते जाओ, कम से कम खुद की आत्मा को तो धोते जाओ😊
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लोगों के अंदर जब अपराध बोध बढ़ जाता है तभी वो इस तरह के बाबाओं की शरण मे जाते हैं।
बाबा इस कमज़ोर मानसिकता को ही दुहते है।
Thanks article पसंद करने के लिए
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एकदम सही व सटीक चित्रण ।
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आभार पसंद करने के लिए
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Ruchi Shukla @ मैन आपकी कुछ पोस्ट पढ़ा है । और पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई है । ऐसा लगा मुझे की आपकी हर एक सब्द आपके अंतरात्मा से निकलकर यहां पर छप गया है ।
आपकी सोंच बहुत ही अदभुत और निराली है । मैं आपसे पूर्ण रूप से सहमत हूँ ।
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कोटिश आभार
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आपके शब्द मेरे लिए एक बड़ी प्रेरणा हैं मैं जो कुछ भी लिखती हूँ उसे महसूस भी करती हूँ इसलिये शायद सच्चाई निकल आती है ।thanks again
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बेहद सुनदर, सटीक और जबरदस्त लाइन ।
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बहुत सही कहा
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