पांडे जी फ़ोन पर ज़ोर ज़ोर से बात कर रहे थे
“नट्टू भाई !जब तक ऊपर वाले की दया है,कोई बाल भी बांका नही कर सकता’
ऊपर की बालकनी से वर्मा जी सुन रहे थे, अंदर जाकर पत्नी से बोले” पांडे जी का नट्टू से झगड़ा हो गया और इसकी वजह कोई दया नाम की औरत है जिसका बांके नाम के आदमी से संबंध है”
पत्नी ने सुना और वर्मा जी के आफिस जाते ही बगल वाली सरोज भाभी को फोन मिलाया “सुना भाभी जी .. पांडे जी दूसरी शादी करने वाले हैं दया नाम की लड़की से जिसके पहले पति का नाम बांके है,Mrs पांडे को पता चलेगा तो बिचारी मर ही जाएंगी, अच्छा फोन रखती हूं”
सरोज भाभी ने तुरन्त अपने पति सचदेवा जी को फ़ोन लगाया” सुनिए जी पांडे जी कलमुँही दया के चक्कर मे देवी जैसी पत्नी को मारने पर तुले हैं”
सचदेवा जी शाम को भुल्लर साहब से ट्रेन में मिले तो बोले’ “यार, ये पांडे के घर मे उनकी बीबी को मरने मारने का चक्कर चल रहा है, ज़रूर कोई दूसरी औरत होगी’
भुल्लर जी ने घर जाकर बीबी से कहा” सुनो 7 नंबर वाले पांडे की बीबी ने आत्महत्या की कोशिश की , तुम 9 नंबर वालों से पूछो क्या हुआ?’
भुल्लर जी की बीबी ने 9 नंबर वाले सहाय जी के घर फ़ोन मिलाया और पूछा”अरे दीदी!आपने सुना, पांडे जी की बीबी ने आत्महत्या कर ली, बिचारी छोटे छोटे बच्चे छोड़कर चली गयी”
मैडम सहाय ने तुरन्त पांडे जी की बहन को फ़ोन किया और रोते हुई कहा,” आपकी भाभी का देहांत हो गया”
पांडे जी कर बहन उनके घर गई और दरवाजा खुलते ही पांडे जी से लिपटकर दहाड़े मार रोने लगी’ “भैया! मुझे तो पहले ही मालूम था भाभी का नट्टू से कुछ चक्कर था इसीलिये आत्महत्या कर ली ।”
पांडे जी भौंचक्के………….
ऐसा ही कमाल हमारी मीडिया का भी होता है,बात कुछ और होती है पेश कुछ और करते हैं🗣️🗣️🗣️
बहुत सुन्दर व्यंगात्मक अभिव्यक्ति।
LikeLiked by 1 person
Thanks for liking
LikeLike
Welcome
LikeLike